डोमिनियन बनाम फॉक्स न्यूज का मामला हाल ही में और अच्छे कारणों से सुर्खियां बटोर रहा है। मामले में न्यायाधीश ने अपने फैसले में शब्दों में कोई कमी नहीं की, मानहानि के लिए एक उच्च मानक निर्धारित किया और कड़ी चेतावनी जारी की। इस लेख में, हम मामले और न्यायाधीश के फैसले पर करीब से नज़र डालेंगे।

मामले की पृष्ठभूमि
वोटिंग टेक्नोलॉजी कंपनी डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स ने मार्च 2021 में फॉक्स न्यूज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। मुकदमे में आरोप लगाया गया कि फॉक्स न्यूज ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में डोमिनियन की भूमिका के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी फैलाई थी। फॉक्स न्यूज ने दावा किया था कि डोमिनियन ने जो बिडेन के पक्ष में चुनाव में धांधली की थी, डोमिनियन ने इस दावे का जोरदार खंडन किया था।
न्यायाधीश का फैसला
मामले में न्यायाधीश, अमेरिकी जिला न्यायाधीश लोर्ना शोफिल्ड ने अपने फैसले में शब्दों में कोई कमी नहीं की। उन्होंने कहा कि फॉक्स न्यूज ने 'मानहानि के लिए स्ट्रैटोस्फेरिक बार को साफ कर दिया है' और नेटवर्क ने अपनी रिपोर्टिंग में 'लापरवाही से सच्चाई की उपेक्षा' की है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर फॉक्स न्यूज ने डोमिनियन के बारे में गलत जानकारी फैलाना जारी रखा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अपरिभाषित
फैसले के निहितार्थ
डोमिनियन बनाम फॉक्स न्यूज मामले में फैसले का मीडिया उद्योग पर दूरगामी प्रभाव है। यह मानहानि के लिए एक उच्च मानक निर्धारित करता है और एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि मीडिया आउटलेट्स को संवेदनशील विषयों पर रिपोर्टिंग करते समय सावधान रहना चाहिए। यह अन्य मीडिया आउटलेट्स के लिए एक चेतावनी के रूप में भी कार्य करता है कि यदि वे गलत जानकारी फैलाते हैं तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
डोमिनियन बनाम फॉक्स न्यूज मामले में न्यायाधीश ने अपने फैसले में शब्दों में कोई कमी नहीं की। उन्होंने मानहानि के लिए एक उच्च मानक निर्धारित किया और फॉक्स न्यूज और अन्य मीडिया आउटलेट्स को कड़ी चेतावनी जारी की। इस फैसले का मीडिया उद्योग पर दूरगामी प्रभाव है और यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि मीडिया आउटलेट्स को संवेदनशील विषयों पर रिपोर्टिंग करते समय सावधान रहना चाहिए।
डोमिनियन बनाम फॉक्स न्यूज मामले पर अधिक जानकारी के लिए कृपया देखेंसीएनएन,दी न्यू यौर्क टाइम्स, औरवाशिंगटन पोस्ट.